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*तीन दिनों के भीतर ट्रांसफार्मर मरम्मत नहीं होने की स्थिति में संबंधित कनीय अभियंता (जेई) के वेतन निकासी पर लगेगी रोक*

 *उपायुक्त ने विधुत कार्य एवं विधुत आपूर्ति प्रमंडल से संबंधित कार्यों की समीक्षा कर अधिकारियों को दिया आवश्यक निदेश...*

 

उपायुक्त अभिजीत सिन्हा की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में विधुत कार्य एवं विधुत आपूर्ति प्रमंडल से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गयी।बैठक में जिले में चल रहे आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) एवं मुख्यमंत्री ऊर्जा योजना (एमयूजे) के कार्यों की प्रगति पर भी चर्चा हुई।

उपायुक्त ने निर्देश दिया कि योजनाओं से संबंधित कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण किए जाएं। उन्होंने आरडीएसएस के तहत कार्य कर रही टेक्नो कंपनी एवं मुख्यमंत्री ऊर्जा योजना में कार्यरत एजेंसी की धीमी कार्य प्रगति पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित प्रोजेक्ट मैनेजर से स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया।

उपायुक्त ने कहा कि जिले में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। विशेष परिस्थिति में यदि विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, तो न्यूनतम समय में मरम्मत कर आपूर्ति बहाल की जाए।

उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले के किसी भी क्षेत्र से ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना प्राप्त होने के पश्चात तीन दिनों के भीतर मरम्मत नहीं होने की स्थिति में संबंधित कनीय अभियंता (जेई) की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके वेतन की निकासी पर रोक लगाई जाएगी।

समीक्षा के दौरान स्मार्ट मीटर अधिष्ठापन कार्य की स्थिति पर भी चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए।

बैठक में आगामी राजकीय श्रावणी मेला 2025 के दौरान विद्युत आपूर्ति से संबंधित कार्यों की भी समीक्षा की गई। उपायुक्त ने कहा कि श्रावणी मेला के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस हेतु सभी विद्युत तारों एवं संयंत्रों की जांच कर ली जाए तथा किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए।

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